गरासिया जनजाति - जहां शादी से पहले ही लडके-लडकी बना लेते हैं सम्बन्ध!
भारत में 125 करोड़ से ज्यादा लोग रहतें हैं! इतनी ज्यादा जनसँख्या होने की वजह से भारत में लगभग हर जाति-धर्म और जनजाति के लोग रहतें हैं| भारत के हर कोने में अलग अलग रीती रिवाजों और रस्मों को मानने वाले लोग रहते हैं और इनमे से कुछ रस्मे इतनी अजीब होता है की इन्हें सुनने पर इकबारगी को इनका यकीन करना भी मुश्किल हो जाता है|
गरासिया जनजाति |
आज हम राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में निवास करने वाली एक जनजाति और उसके अजीबोगरीब रिवाज़ के बारे में बात करने वाले हैं| इस जनजाति का नाम है “गरासिया” और यह अपने एक रिवाज़ की वजह से राजस्थान और गुजरात में काफी चर्चित है| इस जानजाति के युवा लड़के पहले अपनी पसंद की लडकी के साथ रह सकते हैं और बिना शादी के भी बच्चे पैदा कर सकते हैं| आपको यह जानकार ताज्जुब होगा की लड़का और लड़की को शादी की अनुमति भी एक बच्चा पैदा होने के बाद ही मिलती है| और तो और अगर लडकी और लडके दोनों के रिलेशन में रहने के बावजूद भी बच्चे नहीं होते हैं तो वे अलग अलग हो जाते हैं और किसी दुसरे के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रहते हुए बच्चे पैदा करने की कोशिश करते हैं|
राजस्थान के उदयपुर, सिरोही और पाली जिले में गरासिया जनजाति पायी जाती है| इस जनजाति की यह अनोखी परम्परा आज के आधुनिक समाज के लिव-इन-रिलेशनशिप से मेल खाती है| यहाँ जवान होने के बाद लड़के और लडकियाँ आपसी सहमति के बाद एक साथ रह सकते हैं|
गरासिया जनजाति |
अभी कुछ ही साल पहले एक 80 साल के बुजुर्ग ने अपनी 70 वर्षीय लिव-इन-पार्टनर रुपाली से शादी की है| इस शादी में इस बुजुर्ग महोदय के पडपोते तक शामिल हुए थे!
कुछ इस तरह इस प्रथा की शुरुआत:
ऐसी मान्यता है की सालो पहले गरासिया ट्राइब के चार भाई कहीं और जाकर बस गए| इनमे से तीन ने शादी की और चौथा समाज की कुंवारी लड़की के साथ बिन ब्याहे रहने लगे| इनमे से तीन भाइयों को कोई औलाद नहीं हुयी और चौथे का वंश आगे बढ़ गया| बस इसी मान्यता ने इस समाज में इस रिवाज़ को जन्म दे दिया| यह प्रथा करीबन एक हज़ार साल पुरानी है और इसे दापा प्रथा के नाम से जाता है|
राजस्थान और गुजरात में इस समाज का दो दिन का विवाह मेला लगता है जहां युवा एक दुसरे से मिलते हैं और पसंद आ जाने पर एक दुसरे के साथ भाग जाते हैं| भागकर वापस आने के बाद दोनों बिना ब्याहे ही पति-पत्नि के रूप में रहने लगते है| समाज के लोग इस नए जोड़े की कुछ आर्थिक मदद भी कर कर देते हैं ताकि वो अपनी सहूलियत से शादी कर सके!
गरासिया जनजाति |
इतना ही नहीं यदि औरत चाहे तो किसी और मेले में दूसरा पार्टनर भी चुन सकती है लेकिन दुसरे को पहले वाले की बजाय ज्यादा पैसे देने होते हैं| इस जनजाति में कई बार अपने बूढ़े माँ-बाप की शादी उनके बच्चे करवाते हैं और काफी बार शादी का खर्चा बचाने के लिए बच्चे अपने माँ-बाप के साथ मिलकर ही शादी करते हैं| शादी का सारा खर्चा दूल्हा उठाता है और शादी भी उसके घर ही होती है|
दोस्तों आप को पोस्ट पसंद आये तो आप कमेन्ट बॉक्स में हमें बताये और पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे |
0 Comments